वॉर्सेस्ट : भारतीय यूथ क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी वनडे मुकाबले में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम ने भारत को सात विकेट से हराकर मुकाबले में पूरी तरह से दबदबा बना लिया। हालांकि सीरीज में भारत ने पहले ही बढ़त बना ली थी और पांच मैचों की यह सीरीज 3-2 से भारत के नाम रही, लेकिन आखिरी मैच की हार ने टीम इंडिया की तैयारियों पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।
आखिरी मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी बेहद फीकी नजर आई। टॉप ऑर्डर लगातार लड़खड़ाता रहा और कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। वैभव सूर्यवंशी से टीम को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वे भी सिर्फ 33 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। बाकी बल्लेबाज भी इंग्लैंड की धारदार गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सके।
भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र 178 रन बनाए, जिसे इंग्लैंड की टीम ने आसानी से 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इंग्लिश बल्लेबाजों ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। एक तरफ भारत संघर्ष करता नजर आया, तो दूसरी ओर इंग्लैंड ने पेशेवर अंदाज़ में लक्ष्य को हासिल किया।
सीरीज की शुरुआत में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया था और पहले तीन में से दो मुकाबले जीतकर बढ़त बना ली थी। चौथे मुकाबले में भी भारत ने दमदार जीत दर्ज की थी। मगर आखिरी मैच में लापरवाह फील्डिंग, कमजोर बैटिंग और रणनीतिक चूक भारी पड़ी।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस हार से टीम को सीखने का मौका मिलेगा, क्योंकि युवा खिलाड़ियों के लिए ऐसे उतार-चढ़ाव अनुभव का हिस्सा होते हैं। टीम प्रबंधन को अब आगे के टूर को लेकर संयोजन और रणनीति पर नए सिरे से काम करना होगा।
हालांकि सीरीज जीत भारत के लिए राहत की बात जरूर है, लेकिन आखिरी मुकाबले में प्रदर्शन ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि निरंतरता बनाए रखने पर अभी काफी काम करने की जरूरत है।