भारत-पाकिस्तान क्रिकेट पर BCCI का बड़ा बयान
न खेलने के बताए चार नुकसान, एशिया कप में तीन रोमांचक मुकाबले संभव…..
नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट और पाकिस्तान क्रिकेट के बीच की प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास रही है। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होता है, तो उसे सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि भावनाओं का टकराव माना जाता है। यही वजह है कि दुनिया भर के करोड़ों दर्शक इन मुकाबलों का इंतजार करते हैं। लेकिन हाल ही में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या भारत को पाकिस्तान से खेलना उसकी मजबूरी है या फिर यह सिर्फ क्रिकेट की राजनीति है।
बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि अगर भारत पाकिस्तान से नहीं खेलता, तो इसके कई नुकसान होंगे। बोर्ड का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों और खासकर एशिया कप जैसे आयोजनों में पाकिस्तान से न भिड़ना भारतीय क्रिकेट के लिए आर्थिक और प्रतिस्पर्धी दोनों ही दृष्टि से घाटे का सौदा साबित हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई ने इस पर विस्तार से चर्चा की है और न खेलने के चार बड़े नुकसान बताए हैं। इनमें पहला नुकसान टीवी राइट्स और स्पॉन्सरशिप से जुड़ा है। भारत-पाकिस्तान मैच दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मुकाबला माना जाता है। ऐसे में यदि यह मैच नहीं होता, तो प्रसारणकर्ता और प्रायोजकों की कमाई पर बड़ा असर पड़ेगा। दूसरा नुकसान खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा की भावना पर है, क्योंकि इस तरह के हाई-वोल्टेज मैच खिलाड़ियों को मानसिक और खेल कौशल के स्तर पर तैयार करते हैं।
तीसरा नुकसान क्रिकेट की वैश्विक राजनीति से जुड़ा हुआ है। अगर भारत पाकिस्तान से खेलने से पूरी तरह इंकार कर देता है, तो इससे एशियाई क्रिकेट परिषद और आईसीसी में उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है। चौथा नुकसान दर्शकों और फैंस की भावनाओं से जुड़ा है। भारत-पाक मैचों का इंतजार करने वाले करोड़ों दर्शक ऐसे फैसले से निराश हो सकते हैं।
बीसीसीआई ने संकेत दिए हैं कि एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच कम से कम तीन मुकाबले हो सकते हैं। यदि दोनों टीमें लीग और सुपर-4 चरण से फाइनल तक पहुंचती हैं, तो यह संभव है कि दर्शकों को तीन हाई-वोल्टेज मैच देखने को मिलें। जाहिर है, इन मैचों का रोमांच सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दोनों देशों के फैंस के बीच जुनून और उत्साह को भी चरम पर पहुंचा देगा।
हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के चलते द्विपक्षीय सीरीज फिलहाल नामुमकिन लगती है। लेकिन आईसीसी और एसीसी के टूर्नामेंटों में दोनों टीमों का आमना-सामना तय है। बीसीसीआई का मानना है कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखकर देखा जाना चाहिए और खेल को खेल की भावना से ही खेला जाना चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पाकिस्तान से खेलना भारत की मजबूरी है या फिर यह सिर्फ क्रिकेट के हितों को देखते हुए एक जरूरी कदम है। आने वाले समय में जब एशिया कप में दोनों टीमें भिड़ेंगी, तब इसका जवाब मैदान पर करोड़ों दर्शकों को मिलेगा।
Comments are closed.