नई दिल्ली : चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू पंचांग में विशेष स्थान रखती है। इस दिन को धार्मिक कार्यों और शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ रात में हो सकता है और अगले दिन तक प्रभावी रहता है। इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य और पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है। देवताओं की कृपा प्राप्त करने और मनोकामना पूर्ति के लिए इस दिन व्रत और हवन का भी महत्व बताया गया है।
इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ग्रहों की चाल और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार इस दिन के विभिन्न शुभ मुहूर्त निर्धारित किए जाते हैं। खासतौर पर गृह प्रवेश, विवाह, व्यापार आरंभ और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, आज के दिन कुछ विशिष्ट योग भी बन रहे हैं, जो शुभ फल प्रदान करने वाले हैं।
राहुकाल का समय इस दिन विशेष रूप से ध्यान देने योग्य होता है, क्योंकि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। राहुकाल में पूजा-पाठ, नए कार्यों की शुरुआत या कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेना अशुभ माना जाता है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है, इसलिए इस समय में किसी भी शुभ कार्य को टालना उचित होता है।
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ दिन का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय ध्यान में रखकर धार्मिक कार्य करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत या पूजा करता है, उसे विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
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