क्या वित्तीय संकट के कारण निगम कर्मियों की छंटनी हुई
चंडीगढ़ निगम ने 90 आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला….
चंडीगढ़ : नगर निगम ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए 90 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस फैसले से प्रभावित कर्मियों में भारी आक्रोश है और उन्होंने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए मेयर से मुलाकात की। निगम प्रशासन का कहना है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह फैसला लेना अनिवार्य हो गया था, लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
निकाले गए कर्मचारी वर्षों से निगम में सेवाएं दे रहे थे और अचानक बिना किसी ठोस विकल्प के उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इस फैसले से बुरी तरह प्रभावित होगी। इस मामले को लेकर कर्मचारी संगठनों ने भी आवाज उठाई और निगम प्रशासन से फैसले को वापस लेने की मांग की।
चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बजट की कमी और अन्य आर्थिक समस्याओं के चलते यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निगम के पास फिलहाल इतने कर्मचारियों के वेतन देने के लिए पर्याप्त बजट नहीं है। हालांकि, निगम कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन को पहले अन्य उपायों पर विचार करना चाहिए था, बजाय इसके कि सीधे नौकरी से ही निकाल दिया जाए।
इस फैसले को लेकर सियासी हलकों में भी हलचल मच गई है। विपक्षी नेताओं ने निगम प्रशासन पर कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे को नगर निगम की बैठक में उठाने की बात कही।
निकाले गए कर्मियों ने मेयर से मुलाकात कर अपनी परेशानियां साझा कीं और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
चंडीगढ़ नगर निगम की यह छंटनी शहर में चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में इस पर प्रशासन का रुख क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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