अटारी बॉर्डर तिरंगे रंग में, मिठाई आदान-प्रदान रद्द
79वें स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तानी रेंजरों संग परंपरा नहीं निभेगी….
अटारी (अमृतसर) — भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले अटारी बॉर्डर पूरी तरह तिरंगे के रंग में रंग गया। सरहद पर विशाल तिरंगा फहराया गया और बॉर्डर की साज-सज्जा में देशभक्ति का रंग साफ झलक रहा था। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज लगाए और बॉर्डर पर आने वाले पर्यटकों का देशभक्ति गीतों के बीच स्वागत किया।
हालांकि इस बार एक परंपरा टूट गई। हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भारतीय और पाकिस्तानी बलों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होता था, लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए यह परंपरा निभाई नहीं जाएगी। BSF अधिकारियों ने पुष्टि की कि पाकिस्तानी रेंजरों के साथ किसी भी औपचारिक मिठाई विनिमय का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।
सुबह से ही अटारी बॉर्डर पर देशभर से पहुंचे लोग बीटिंग रिट्रीट और तिरंगा फहराने का नजारा देखने के लिए जमा होने लगे। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के चेहरों पर देशभक्ति का उत्साह देखने लायक था। कई लोग तिरंगे के रंग के कपड़े पहनकर और हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर पहुंचे।
बॉर्डर पर तैनात BSF जवानों ने कहा कि तिरंगे का यह सम्मान केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और आजादी के संघर्ष की याद दिलाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा पर हर दिन तिरंगे की शान को कायम रखना ही उनका सबसे बड़ा गौरव है।
पाकिस्तान से मिठाई आदान-प्रदान रद्द करने के फैसले पर स्थानीय लोग और पर्यटक मिले-जुले भाव व्यक्त कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि कूटनीतिक संबंधों में दूरी के बावजूद यह सांकेतिक परंपरा जारी रहनी चाहिए थी, जबकि अन्य का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में यह सही कदम है।
अटारी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त कर दी गई है। आने-जाने वाले वाहनों की जांच, पहचान पत्र की पुष्टि और पैदल आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सुरक्षा बलों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर किसी भी संभावित खतरे को टालने के लिए यह आवश्यक है।
शाम होते-होते बॉर्डर पर देशभक्ति गीतों की गूंज और जोरदार जयकारों के बीच तिरंगा फहराया गया। दर्शकों ने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया और माहौल पूरी तरह भावनात्मक हो गया।
इस साल मिठाइयों का आदान-प्रदान भले न हो, लेकिन सीमा पर तिरंगे की शान और देशभक्ति की भावना पहले की तरह बुलंद रही। अटारी बॉर्डर से लौटते हुए कई लोगों ने कहा कि इस नजारे ने उन्हें गर्व और आत्मसम्मान से भर दिया, और यह दिन उनके जीवन की अविस्मरणीय यादों में शामिल हो गया।
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