महंगाई दर में गिरावट
अगस्त 2024 में कृषि श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.96 प्रतिशत और ग्रामीण मजदूरों के लिए 6.08 प्रतिशत दर्ज की गई, जो कि जुलाई में क्रमशः 6.17 प्रतिशत और 6.20 प्रतिशत थी। इस साल जुलाई में कृषि श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) 1290 अंक और ग्रामीण मजदूरों का (सीपीआई-आरएल) 1302 अंक था। अगस्त में यह आंकड़ा क्रमशः 1297 और 1309 पर पहुंच गया। पिछले वर्ष की तुलना में, अगस्त 2023 में ये दरें 7.37 प्रतिशत और 7.12 प्रतिशत थीं, जो इस गिरावट को और स्पष्ट करती हैं। यह गिरावट मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद बढ़ी है।
थोक महंगाई का निचला स्तर
हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति अगस्त में 1.31 प्रतिशत पर आ गई, जो कि चार महीने का निचला स्तर है। सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण यह गिरावट आई है। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के तहत यह लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्शाता है। जुलाई में यह 2.04 प्रतिशत और अगस्त 2023 में 0.46 प्रतिशत की गिरावट रही। इससे यह संकेत मिलता है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर होने से थोक महंगाई में कमी आ रही है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बन सकती है।
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