उत्तराखंड में बांस से बनी आधुनिक स्टिक: रास्ता दिखाए और खतरे से निपटने में करेगी मदद
बांस की नई तकनीक: सुरक्षित और सुविधाजनक मार्गदर्शन कैसे प्रदान करती है
बांस रेशा विकास परिषद की मदद से विकसित बांस माडर्न स्टिक: एक नई युक्ति जो सड़क पर प्रकाश डालेगी और आपातकालीन स्थितियों में मदद करेगी
नवाचार: बांस रेशा विकास परिषद की सहायता से अल्मोड़ा के दुनाड़ क्षेत्र के एक स्वयं सहायता समूह ने बांस से बनी आधुनिक स्टिक विकसित की है। इस स्टिक में कई सुविधाएं शामिल हैं: फ्लैश लाइट, कैंप लाइट, टार्च, और मोबाइल डिस्प्ले।
विशेषताएँ: यह स्टिक न केवल आपातकालीन स्थिति में लाठी की तरह काम करती है, बल्कि इसमें मोबाइल पर बात करने के लिए डिस्प्ले की सुविधा भी है।
विकास प्रक्रिया: बांस रेशा विकास परिषद ने दो साल पहले इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने कामन फैसिलिटी सेंटर तैयार किया और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए।
स्थानीय रोजगार: दुनाड़ में बांस और लकड़ी से बनी इस स्टिक को स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। वर्तमान में, 25 स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं।
वितरण और मांग: यह स्टिक उड़ीसा वन विभाग को आपूर्ति की जा रही है और अन्य विभागों, जैसे उत्तराखंड वन विभाग और आईटीबीपी, को भी जानकारी भेजी गई है।
चार्जिंग: इस स्टिक को सोलर लाइट से चार्ज किया जा सकता है, साथ ही सामान्य चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
उपयोगिता: यह स्टिक वन कर्मियों, आपदा प्रबंधन और अग्निशामक कर्मियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकती है। इसमें कई घंटे की रोशनी देने की क्षमता है, जिससे अंधेरे में रास्ता दिखाने और खतरे की स्थिति में सहायता मिल सकती है।
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