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कानून और कानूनी प्रक्रिया में AI की भूमिका, अदालतों का बोझ कम होगा

AI का कानूनी अभ्यास में महत्व और अदालतों का बोझ कम करने में भूमिका
मेहर सचदेवा, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील मंदीप सचदेवा की बेटी और पंजाब के नामचीन वकील गुरदीप सिंह सचदेवा की पोती, ने हाल ही में एक कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के कानूनी अभ्यास में महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे AI वकीलों को मैन्युअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और अदालतों के बोझ को कम करने में मदद कर सकता है।


मेहर का कहना है कि जैसे-जैसे AI तकनीक विकसित हो रही है, कानूनी पेशेवरों को इसके संभावित लाभों और जोखिमों को समझकर इसे नैतिक रूप से अपनाना होगा। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे चीन और मैक्सिको में कई अदालतें AI के माध्यम से निर्णय ले रही हैं और भारत में भी इसकी अत्यधिक आवश्यकता है, विशेषकर उपभोक्ता कानून और इंश्योरेंस के भुगतान में।
भारत में 5.5 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट में 83,000 मामले शामिल हैं। AI का उपयोग करके सुप्रीम कोर्ट के 36,271 जजमेंट को हिंदी में और 17,142 जजमेंट को 16 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है। हालांकि, इस ट्रांसलेशन प्रोजेक्ट के लिए कोई अलग से फंड अलोकेट नहीं किया गया है।
मेहर ने भावी वकीलों को बताया कि जबकि AI तकनीक दशकों से अस्तित्व में है, इसके हालिया विकास ने कानूनी पेशेवरों को नैतिक रूप से AI-संचालित उपकरणों को अपनाने पर विचार करने को मजबूर किया है।

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